- LRC歌词
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[00:44.928]ॐ वज्रसत्त्व समय मनुपालय।
[00:51.896]वज्रसत्त्वत्वेनोपतिष्ठ। दृढो मे भव।
[00:58.461]सुतोष्यो मे भव। सुपोष्यो मे भव।
[01:04.541]अनुरक्तो मे भव। सर्वसिद्धिं मे प्रयच्छ।
[01:10.780]सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
[01:17.361]कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
[01:23.714]सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
[01:29.737]वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
[01:48.786]ॐ वज्रसत्त्व समय मनुपालय।
[01:55.039]वज्रसत्त्वत्वेनोपतिष्ठ। दृढो मे भव।
[02:01.647]सुतोष्यो मे भव। सुपोष्यो मे भव।
[02:07.730]अनुरक्तो मे भव। सर्वसिद्धिं मे प्रयच्छ।
[02:13.996]सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
[02:20.230]कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
[02:26.556]सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
[02:32.865]वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
[02:39.219]सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
[02:45.445]कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
[02:51.759]सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
[02:58.283]वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
[03:28.478]सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
[03:34.447]कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
[03:40.710]सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
[03:47.097]वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
[03:57.281]ॐ वज्रसत्त्व हूं
ॐ वज्रसत्त्व समय मनुपालय।
वज्रसत्त्वत्वेनोपतिष्ठ। दृढो मे भव।
सुतोष्यो मे भव। सुपोष्यो मे भव।
अनुरक्तो मे भव। सर्वसिद्धिं मे प्रयच्छ।
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
ॐ वज्रसत्त्व समय मनुपालय।
वज्रसत्त्वत्वेनोपतिष्ठ। दृढो मे भव।
सुतोष्यो मे भव। सुपोष्यो मे भव।
अनुरक्तो मे भव। सर्वसिद्धिं मे प्रयच्छ।
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
ॐ वज्रसत्त्व हूं